दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।

पहले सवैये में बताया गया है कि श्री राम के साथ सीता और लक्ष्मण ने भी वनवास पर जाने का फैसला किया था। सीता जैसे ही नगर से बाहर निकलती हैं तेज धूप की वजह से उन्हें पसीना आने लगता है। धूप इतनी तेज होती है कि उनके होंठ भी सूखने लगते हैं। जैसे-जैसे सीता राम और लक्ष्मण के साथ वन की ओर बढ़ती जाती हैं उनमें व्याकुलता बढ़ती जाती है। एक समय ऐसा आता है कि वह राम से पूछती हैं कि कहां पर पर्णकुटी बनाना है। सीता की इस व्याकुलता को देख राम भावुक हो जाते हैं और उनकी आंखें भर आती हैं।

वहीं दूसरे सवैये में बताया गया है कि सीता इतनी थक जाती हैं कि वह राम से कहती हैं कि जब तक लक्ष्मण पानी लेकर आते हैं वह पेड़ की छाया में थोड़ा आराम कर लेती हैं। तभी श्रीराम सीता के पैरों से कांटे निकालने लगते हैं ताकि उनकी तकलीफ कम हो और उन्हें थोड़ा आराम मिल जाए। राम को इस तरह से पैरों से कांटे निकालता देख सीता प्यार में पुलकित हो उठती है।


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